क्या है poison pill

क्या होता है पायजन पिल (poison pill)


-यदि किसी कम्पनी को कोई खरीदने की घोषणा करता है | तो उस कम्पनी वाले उसे बच्चाने के लिए 'शेयर हाॅल्र्डस' को अपने "शेयर" का दाम बढाने को बोलते है |जिसे "पायजन पिल" (POISON PILL) कहते हैं |

- पायजन पिल को "जहर की गोली" के नाम से भी जाना जाता हैं |

- साधारण भाषा में पायजन पिल का अर्थ :-
           यदि कोई शेयर धारक "शत्रुता पूर्ण अधिग्रहण" के जरिए कम्पनी का शेयर खरिदने कि कोशिश करता हैं  तो उसे रोका जाए |

कैसे होता हैं लागू :- 
                              जब कोई व्यक्ति , कोई संस्था या कोई ग्रुप किसी कम्पनी का " आॅउटस्टैडिंग काॅमन स्टाॅक्स " का 15% शेयर खरीदने की कोशिश करेगा | तो poison pill योजना/प्लान लागू हो जाएगा |

चर्चा में क्यों :-
                       जब एलाॅन मस्क ने ट्वीटर खरीदने की घोषणा की तो ट्वीटर कम्पनी ने एलाॅन मस्क को दी poison pill

 बाद  मे एलाॅन मस्क को ट्वीटर परसेंस करने कठिनाइया आई |









कर्नाटक में बाइबल विवाद

              कर्नाटक में बाइबल विवाद


कुछ दिन पहले ही कर्नाटक के हिजाब विवाद पर हाई कोर्ट ने फैसला चुनाया था लेकिन हाल ही में फिर कर्नाटक में "बाइबल विवाद" सामने आया है 



बेंगलुरु के क्लेरेंस हाई स्कूल के प्रशासन ने विद्यार्थियों के माता-पिता से आवेदन पत्र पर वचन लिया है कि वह बच्चों को बाइबल लाने में विरोध नहीं करेंगे |

धर्म से जुड़े  भारत के संविधान में अनुच्छेद



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वीर कुँवर सिंह

                वीर कुँवर सिंह (क्रन्तिकारी)



जन्म - 13 नवम्बर 1777
स्थान - बिहार के भोजपुर जिले में जन्म हुआ था |

वीर कुँवर सिंह 1857 के विद्रोह में क्रन्तिकारी स्वतंत्रता संग्राम के महानायक थे |

26 अप्रैल 1858 अंग्रेजों से युद्ध लड़ते वीर गती को प्राप्त हुए |

आज उनकी पुण्यतिथि पर उन्हें शत शत नमन





 

सिखों के 9वें गुरु श्री तेगबहादुर जी

                       गुरु श्री तेगबहादुर जी


सिखों के 9वें गुरु श्री तेगबहादुर की जयंती पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं |

गुरु श्री तेगबहादुर जी का जन्म  21 अप्रैल  1621 में हुआ था |
एक समय औरंगजेब ने कश्मीर का गवरनर सैर -अफगान-खान को नियुक्त किया |
औरंगजेब ने गवरनर को आदेश दिया कि कश्मीरी हिन्दूओं का अन्त कर दो |
तभी कृपाराम नामक पंडित जी ने गुरु श्री तेगबहादुर जी को वहाँ की घटना के अवगत कराया और सहायता मांगी |
तभी गुरु श्री तेगबहादुर जी ने औरंगजेब को संदेश पहुँचाया कि यदि तुम मुझे इस्लाम स्वीकार करवा पाने में सफल रहोंगे | तो सभी कश्मीरी हिन्दू इस्लाम स्वीकार कर लेंगे |
फिर औरंगजेब ने अनन्त प्रयास किये, उन्हें अत्यंत पिडा़ पहुँचाई | लेकिन वीर गुरु श्री तेगबहादुर जी ने अपना धर्म नहीं छोडा़ |

एक दिन 11 नवम्बर 1675 को दिल्ली के चाँदनी चौक में धर्म परिवर्तन नहीं करने के कारण औरंगजेब ने सिखों के 9वें गुरु श्री तेगबहादुर जी का सिर धड़ से अलग कर दिया |

एक  सिख गुरु ने आने वाले अनगिनत युगों के लिए 
हिन्दूओं पर अपनी करुणा का ऐसा ऋण चढा़ दिया, जिसे उतार पाना संभव नहीं है | (मनोज M)

                     Writer by Heeraram suthar

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