- यह जम्मू-कश्मीर में स्थित है
- इसको राष्ट्रीय महत्व के स्थलों के रूप में मान्यता दी गई है
- इसे पांडौ लैदान के नाम से भी जाना जाता है
- इस मन्दिर का निर्माण 8वीं शताब्दी के दौरान हुआ
- इसका निर्माण कार्कोट राजवंश के तीसरे शासक ललितादित्य मुक्तापीड ने करवाया था , जो हिन्दू थे
- ललितादित्य ने अपनी राजधानी परिहासपुर में हिन्दू मन्दिरों का निर्माण करवाया था
- मन्दिरों के अवशेषों से मालूम पड़ता है कि यह गाधांर , गुप्त और चीनी वास्तुकलाओं का मिश्रण था