भारत और चीन
1.भारत और चीन के बीच 15-16 जून की झड़प की शुरुआत में गलवान घाटी की तेज बहती नदी को पार करने की कोशिश में चीन के 38 सैनिक मारे गए. चीन के सैनिक ज़ीरो से नीचे के तापमान में अंधेरे में यह कोशिश कर रहे थे.
2. चीन की तरफ से स्वीकार किए गए चार सैनिकों की मौत में से केवल एक - जूनियर सर्जेंट वांग जूरोन -की नदी में डूबने की खबर मिली.
3. कई वीबो (Weibo) प्रयोगकर्ताओं ने कहा की चीन के 38 सैनिक वांग के साथ नदी में बह कर डूब गए थे. आधिकारिक तौर पर घोषित सैनिकों में केवल वांग शामिल था.
4. रिपोर्ट के अनुसार इस घटना के बाद सैनिकों के शव को पहले शहीदों के स्थल शिकान्हे मार्टर सीमेटरी (Shiquanhe Martyr Cemetery) ले जाया गया और बाद में स्थानीय स्तर पर गांव-कस्बों में मारे गए सैनिकों का अंतिम संस्कार हुआ.
5. इस इलाके में काम करने का दावा करने वाले वीबो यूज़र क़ियांग (Qiang) का रिपोर्ट में हवाला देकर कहा गया है कि चीन की सेना बफर जोन में निर्माण कार्य कर रही थी और अप्रेल 2020 से ही अपने पैट्रोलिंग क्षेत्र को बढ़ाने की कोशिश कर रही थी और यह आपसी समझौते का उल्लंघन था.
6. चीनी सेना PLA अपने वादे पर नहीं रही...और अपने निर्माण कार्य को तोड़ने की बजाए भारतीय सेना की तरफ से बनाया गया नदी पार करने का पुल उन्होंने तोड़ दिया.
7.चीन ने झड़प के बारे में चर्चा को शांत करने के लिए हरसंभव कोशिश की.
8. शिनजियांग मिलिट्री क्षेत्र की एक डिवज़न ने शिकान्हे मार्टर सीमेटरी ( Shiquane Martyr Cemetary) पर फूल चढ़ाने के लिए अधिकारियों और सैनिकों के जाने का एक कार्यक्रम बनाया था.
9. इस मामले की जांच में चीन के ब्लॉगर्स, चीनी नागरिकों और मीडिया रिपोर्ट्स के बीच हुई चर्चा से जानकारी इकठ्ठा की गई है. अब इन्हें चीनी अधिकारियों ने डिलीट कर दिया है.
10. भारत ने आधिकारिक तौर से घोषणा की थी कि गलवान में उसके 20 सैनिक मारे गए थे. यह भारत और चीन के बीच 1962 में हुई झड़प के बाद भारतीय सेना को हुआ सबसे बड़ा नुकसान था.