अनुच्छेद-83- इसमें सत्र के लिए आहुत (बुलाना) तथा सत्रावसान (सत्र खत्म कि चर्चा है। सत्र का आहुत राष्ट्रपति जब विधेयक बनाने के लिए 18 तथा RS के सदस्यों को बुलाते हैं तो इसे सत्र आहुत कहते हैं।
सत्रावसान :- यह दोनों सदन कानुन बना लेते है तो राष्ट्रपति सत्र को समाप्त करके उन्हें वापस अपने क्षेत्र में भेज देता है।
कार्यवाही स्थगित : अनुशासनहीनता तथा शोर शराबों के कारण सदन की कार्यवाही कुछ घट या कुछ दिनों के लिए स्थगित L.S. के अध्यक्ष तथा R.S. के सेनापति करते हैं।
विघटन :- R.S का विघटन नहीं होता है बल्कि LS का विघटन होता है। LS का समय से पूर्व (5 वर्ष) समाप्त हो जाना विघटन
है। यदि बहुमत (273 सीट) न हो या बहुमत के PM मंत्रीमंडल से प्रस्ताव पारित कराके IS को गत करा सकते हैं।
"संसद के सत्र भारतीय संसद के तीन सत्र है।
1. बजट सत्र
(Feb-May)
2. मानसून सत्र
(July-Aug)
बड़ा सत्र
3. शीतकालीन सत्र
(Nov-Doc) छोटा सत्र
Remark- संसद के किन्हीं दो सत्रों के बीच अधिकतम 6 माह का अंतराल होता है।
जब संसद का सत्र नहीं रहता है तब अस्थाई कानुन राष्ट्रपति बनाता है।
अनुच्छेद 86. -
राष्ट्रपति का अभिभाषण- राष्ट्रपति का अभिभाषण प्रत्येक वर्ष संसद की पहली बैठक अर्थात् बजट सत्र की पहली बैठक में दोनों सदनों को संयुक्त रूप से सम्बोधित करते हैं।
राष्ट्रपति का अभिभाषण मंत्रीमंडल द्वारा लिखा गया है।
अनुच्छेद 87
राष्ट्रपति का विशेष अभिभाषण 5 वर्ष के बाद नवनिर्वाचित IS कि पहली बैठक को संयुक्त रूप से राष्ट्रपति सम्बोधित करते हैं।
यह किसी भी सत्र में हो सकता है।