ब्रह्मांड में तारो का निर्माण
तारा= तारा बनने से पहले विरल गैस के रूप में फैली होती हैं
निहारिका - विरल गैस इकठ्ठा होकर बादलो छी छा जाती हैं
तारा - निहारिका से तारो का निर्माण होता हैं
तारो का अन्त
तारो का जब ऊष्मा और प्रकाश खत्म होने लगता हैं तो तारा लाल दानव बन जाता हैं
लाल दानव - यदि तारा आकार में सूर्य से 1.44 गुणा छोटा है तो वो श्वेत वामन बन जाता हैं
श्वेत वामन - इसे जीवाश्म तारा भी कहते हैं इसके बाद तारा काला वामन बन जाता हैं
~ यदि तारा आकार मे सूर्य से 1.44 गुणा बड़ हो तो वो अभिनव तारा कहलाता हैं
अभिनव तारे को विस्फोटक तार भी कहते हैं
अभिनव तारे का विस्फोट होने के बाद चार तारो में से कोई भी एक तारा बनता हैं
न्युट्रोन तारा
क्वेसर तारा
प्लसर तारा
ब्लैक होल तारा
ईन चारों में से ब्लैक होल तारा सबसे खतरनाक हैं इसका घनत्व सबसे ज्यादा है
क्वेसर व प्लसर तारो की घूर्णन गति सब से तेज है