आर्थिक सर्वेक्षण 2022
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज आर्थिक सर्वेक्षण (economic survey) संसद में पेश कर दिया है. संसद में पेश हुए सर्वे के मुताबिक देश की अर्थव्यवस्था पर ओमिक्रॉन का खास असर नहीं पड़ा है और कोविड की तीसरी लहर के बावजूद अर्थव्यवस्था में रफ्तार (economic growth) बनी हुई है. इसी के साथ आने वाले समय में इंडस्ट्रियल एक्टिविटी (Industrial Growth) के भी रफ्तार पकड़ने की संभावनायें मजबूत हो गई हैं. वहीं एग्री सेक्टर का स्थिर प्रदर्शन आने वाले वित्त वर्ष में जारी रहने का अनुमान है. महंगाई के भी आने वाले समय में नियंत्रित रहने का अनुमान दिया गया है. कुल मिलाकर आज पेश हुआ आर्थिक सर्वे संकेत दे रहा है कि देश की अर्थव्यस्था महामारी के असर से निकल चुकी है और आगे बढ़ने के लिये तैयार है
क्या होता है आर्थिक सर्वे
इकोनॉमिक सर्वे देश की अर्थव्यवस्था का सालाना रिपोर्ट कार्ड होता है. इसमें अर्थव्यवस्था के सभी सेक्टर का पूरे साल का प्रदर्शन दिया जाता है. इसके साथ ही पूरी अर्थव्यवस्था सहित सेक्टर को लेकर भविष्य को लेकर सभी योजनाएं भी सामने रखी जाती है. सर्वे में जीडीपी ग्रोथ का अनुमान भी सामने रखा जाता है. ये इकोनॉमिक सर्वे देश के नये सीईए वी अनंत नागेश्वरन का पहला आर्थिक सर्वे होगा. वहीं महामारी की वजह से सर्वे डिजिटल रूप में होगा. इकोनॉमिक सर्वे के दो हिस्से होते हैं. वहीं हर साल के आर्थिक सर्वे का एक विषय होता है. पिछले सर्वे पर रोजगार पर जोर था. पहला इकोनॉमिक सर्वे 1950-51 में पेश किया गया था. 1964 से इकोनॉमिक सर्वे बजट से एक दिन पहले पेश किया जाने लगा.
क्या है आर्थिक सर्वे का अनुमान
आर्थिक सर्वेक्षण में अनुमान दिया गया है कि अगले वित्त वर्ष में भारत की अर्थव्यवस्था 8 प्रतिशत से लेकर 8.5 प्रतिशत के बीच रफ्तार हासिल कर सकती है . वहीं इस साल अर्थव्यवस्था 9.2 प्रतिशत की रफ्तार से आगे बढ़ेगी. रिजर्व बैंक ने तीसरी लहर से पहले 9.5 प्रतिशत की ग्रोथ का अनुमान दिया था. आज आए आंकड़ें इससे कम हैं लेकिन अंतर बहुत ज्यादा नहीं है. इससे साफ संकेत है कि कोरोना की तीसरी लहर का अर्थव्यवस्था पर उतना गंभीर असर नहीं पड़ेगा जितना पहली दो लहर से पड़ा था. वहीं मौजूदा वित्त वर्ष में इंडस्ट्रियल सेक्टर की ग्रोथ सबसे ज्यादा रह सकती है. आर्थिक सर्वेक्षण का अनुमान है कि इंडस्ट्रियल सेक्टर में ग्रोथ 2021-22 में 11% रह सकती है. सेक्टर के ग्रोथ आंकड़ों में ये रफ्तार पिछले वित्त वर्ष के आई सुस्ती की वजह से देखने को मिला है. 2020-21 में इंडस्ट्रियल सेक्टर में 7 प्रतिशत की निगेटिव ग्रोथ थी. वहीं कृषि सेक्टर का स्थिर प्रदर्शन इस साल भी जारी रहेगा. सेक्टर 2021-22 में 3.9 प्रतिशत की रफ्तार से आगे बढ़ सकता है 2020-21 में एग्री सेक्टर में 3.6 प्रतिशत की ग्रोथ रही थी. वहीं सर्विस सेक्टर में 2021-22 में 8.2 प्रतिशत की ग्रोथ का अनुमान दिया गया है. पिछले साल ग्रोथ का ये आंकड़ा 8.6 प्रतिशत का था.


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