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sin tax ( पाप कर क्या है )

 सिन टैक्स

सिन गुड्स (Sin Goods) वे वस्तुएं होती हैं, जिन्हें समाज के लिए हानिकारक माना जाता है। जैसे- शराब और तंबाकू, फास्ट फूड, कॉफी, चीनी, जुआ और पोर्नोग्राफी। इस प्रकार की वस्तुओं पर लगाया जाने वाला कर या टैक्स ‘सिन टैक्स’ (Sin Tax) कहलाता है।



यह टैक्स लोगों को सामाजिक रूप से हानिकारक गतिविधियों और व्यवहार में शामिल होने से रोकता है, लेकिन वे सरकारों के लिए राजस्व का एक स्रोत भी प्रदान करते हैं।


1. चर्चा का कारण


2. क्या होता है सिन टेक्स?

सिन] टैक्स (sin tax) एक प्रकार का उत्पाद कर (excise tax) है जो विशेष रूप से और व्यक्ति के लिए निकारक वस्तुओं पर जाती है उरण के लिए शराब, तम्बा

मिनटेक्स (sin tax) की अनिष्ट का और पाप कर के नाम से भी जाना जाता है।

भारतीय स के सबसे का प्रतिनिधित्व क कोकाकोलाको और रेड बुल शामिल है, ने जीएसटी परिष ओंकटेक्स) श्रेणी से हटाने को कहा है।

●ा 'जीएसटी' (GST) में शराब कोला (Cola) आदि जैसे के नजरिये से हानिकारक या स्वास्थ्य के हिसाब से नुकसान उत्पादों पर नि Tax) लगाया जाता है।

3. क्या है जीएसटी?

>तु एवं सेवा कर), भारत में लागू एकअरजुलाई

2017 को किया गया था।

इसकर और राज्य सरकारों द्वारा लगाए जाने वाले तमाम को कोटाकर पूरे देश के लिए एक ही कर प्रणाली की गई है।

भारतीय संविधान में इस करव्यको लागू करने के लिए 101 वीं संशोधन किया ग सरकार में कई शारों ने इसे आजारी के बाद सबसे महाआर्थिक सुधार बताया है।

4. जीएसटी परिषद

करीत जीएसटी परिषद (Goods and Services Tax-GST Council

एक मुख्य निर्णय लेने की है, जो कि जीएसटी कानून के अंतर्गत होने वाले कार्या

के संबंध में महत्वपूर्ण निर्णय लेती है।

101ोधन अधिनियम में संविधान में अनुच्छेद 279ोगा तु एका को लागू करने के लिए जीएसटी परिषर के गठन को न कही गयी है।

5. जीएसटी परिषद का गठन व क्रियान्वयन

परिषद केंद्र और राज्यों के लिए एक संयुक्त होता है इसमें निम्नलिखित सदस्य होते है

● ●के रूप में मंत्री)

>प्रत्येक राज्य और दिल्ली पुडुचेरी एवं जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेशों के वित्त या करायन के प्रभारी मंत्री या सवय के रूप में नामित कोई अन्य महे।

●जीएसटी परिषद का प्रत्येक निर्णय बैठक में कुल उपस्थित सदस्यों के 34 के बहुमत (759) में मतदान करने के बाद लिया जाता है।

बैठक में कुल डालेगम के 13 हिस्से का मूल्य केंद्र सरकार के कामी राज्य सरकारों का एक साथ मिलकर कुल मती का मूल्य 2/3 माना जाता है।

जीएसटी परिषद के सदस्यों की कुल संख्या में से आधे के साथ बैठकों का कोरम गठित होता है।

AA गौरतलब है कि जीएसटी परिषद सहकारी संवाद का एक महत्वपूर्ण उदाहरण है, जहाँ केंद्र और राज्यों दोनों को उचित प्रतिनिधित्व मिलता है।


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