दिल्ली में विद्यायकों की सैलेरी बढी
दिल्ली में 90 हज़ार होगी विधायकों की सैलरी
दिल्ली विधानसभा का दो दिवसीय मॉनसून सत्र सोमवार से शुरू हो गया. इस सत्र के दौरान दिल्ली विधानसभा के सदस्यों, मंत्रियों और अध्यक्ष- उपाध्यक्ष के वेतन वृद्धि से जुड़े पांच प्रस्ताव सर्वसम्मति से पास किए गए हैं. सभी सदस्य इस पर एकमत नज़र आए और मौजूदा सैलरी को बेहद कम बताया. अब अंतिम स्वीकृति के लिए यह प्रस्ताव राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा. विधेयक में वेतन में 66 फीसदी बढ़ोतरी का प्रस्ताव रखा गया है. इस बिल के पास हो जाने से दिल्ली के विधायकों का वेतन 12 हज़ार से बढ़कर अब 30 हज़ार रुपये होगा, जो कि सभी भत्ते मिलाकर 90 हज़ार हो जाएगा.
कुछ ही दिनों में भारत का नया संसद भवन हो जाएगा तैयार
सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना (Central Vista Redevelopment Project):
• वर्ष 2019 में आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना की परिकल्पना की गई थी।
● परियोजना की परिकल्पना:
• इस पुनर्विकास परियोजना में एक नए संसद भवन का निर्माण प्रस्तावित है। इसके साथ ही एक केंद्रीय सचिवालय का
भी निर्माण किया जाएगा। इंडिया गेट से राष्ट्रपति भवन तक 3 किमी. लंबे 'राजपथ' में भी परिवर्तन प्रस्तावित है।
. सेंट्रल विस्टा क्षेत्र में नॉर्थ व साउथ ब्लॉक को संग्रहालय में बदल दिया जाएगा और इनके स्थान पर नए भवनों का
निर्माण किया जाएगा। इसके अतिरिक्त इस क्षेत्र में स्थित इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र" (Indira Gandhi National Centre for
the Arts) को भी स्थानांतरित करने का प्रस्ताव है। • इस क्षेत्र में विभिन्न मंत्रालयों व उनके विभागों के लिये कार्यालयों का भी निर्माण किया जाएगा।
● परियोजना लागत.
• इस पुनर्विकास परियोजना में लगभग 20,000 करोड़ रुपए व्यय होने की संभावना है।
• सेंट्रल विस्टा वर्तमान में नई दिल्ली के सेंट्रल विस्टा में राष्ट्रपति भवन, संसद भवन, उत्तर और दक्षिण ब्लॉक, इंडिया गेट, राष्ट्रीय अभिलेखागार शामिल हैं।
दिसंबर 1911 में किंग जॉर्ज पंचम ने भारत की राजधानी को कलकत्ता से दिल्ली स्थानांतरित करने की घोषणा की। इसके उपरांत ही राजपथ के आस-पास के क्षेत्र में इन भवनों का निर्माण किया गया।
• इन भवनों के निर्माण का उत्तरदायित्व एडविन लुटियंस (Edwin Lutyens) व हर्बर्ट बेकर (Herbert Baker) को दिया गया।
भारत में कौनसी कार सबसे ज्यादा बार खरीदी जाती है
SUV की कारों की भारत में हिस्सेदारी
देश में बिकने वाली कुल कारों में एसयूवी की हिस्सेदारी 43 प्रतिशत पर पहुंची
कभी देश के आटोमोबाइल बाजार को छोटी कारों का बाजार कहा जाता था, लेकिन अब इसे सही मायने में स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल (एसयूवी) का बाजार कहा जाना चाहिए। देश में बेची जाने वाली कुल कारों में एसयूवी की हिस्सेदारी बढ़कर 43 प्रतिशत हो गई है। दिसंबर, 2022 के अंत तक यह हिस्सेदारी बढ़कर 50-55 प्रतिशत हो जाने की उम्मीद है।
हाल के हफ्तों में बाजार में 70 प्रतिशत हिस्सेदारी रखने वाली दिग्गज कंपनी मारुति सुजुकी और हुंडई की नई एसवी लांच हुई हैं और दूसरी कार कंपनियां त्योहारी सीजन से पहले आधा दर्जन एसयूवी लांच करने की तैयारी में हैं। कार बाजार के जानकार बताते हैं कि बाजार में युवा ग्राहकों की बढ़ती संख्या और तकनीक व डिजाइन का बढ़ता महत्व दो ऐसी वजहें हैं जो एसयूवी आकर्षण को बढ़ा रही हैं।
हुंडई के निदेशक (सेल्स व मार्केटिंग) तरुण गर्ग का कहना है कि पिछले कुछ वर्षों में भारत में कार ग्राहकों की पसंद काफी बदल चुकी है। अब ग्राहक को सिर्फ सस्ती कार के नाम पर आप कुछ भी नहीं बेच सकते। भारतीय ग्राहक अब कारों के लिए ज्यादा खर्च करने को तैयार है। उदाहरण के लिए वर्ष 2018 में देश में जितनी कारें बेची जाती थी, उसमें 10 लाख से ज्यादा कीमत वाली कारों की हिस्सेदारी 16 प्रतिशत थी। वर्ष 2022 में यह बढ़कर 37 प्रतिशत हो चुकी है। हुडई तो 41 प्रतिशत कारें 10 लाख रुपये से ज्यादा वाली बेच रही है। वर्ष 2022 में कार खरीदने वाले कुल ग्राहकों में 41 प्रतिशत की उम्र 35 वर्ष से कम है। वह संख्या वर्ष 2018 में 30 प्रतिशत थी। बाजार में 35 प्रतिशत कारें हैचबैक बिक रही है लेकिन इनकी संख्या तेजी से घटेगी।
हुंडई 2026 तक छह नए माडल लांच करेगी हुंडई की बात करें तो वर्ष 2026 तक छह नए माडल लांच करने की योजना है, लेकिन उसमें एक भी छोटी कार नहीं है। कंपनी के मशहूर सेंट्रो माडल (नया वर्जन) के उत्पादन पर पहले ही ब्रेक लग चुका है।
टाटा मोटर्स और महिंद्रा एंड महिंद्रा की कुल बिक्री में एसयूवी की हिस्सेदारी 60 प्रतिशत पार कर चुकी है। ऐसे में इनमें भी छोटी कारों को लेकर कोई खास उत्साह नहीं है। घरेलू कार बाजार में तेजी से पैठ बनाने वाली किआ इंडिया भी पूरी तरह से एसयूवी केंद्रित है।
दो वर्षों से लांच नहीं हुई छोटी कार
कंपनियों ने बीते दो वर्ष के दौरान छोटी कारें लांच नहीं की हैं। मारुति सुजुकी ने अंतिम छोटी कार एस-प्रेसो 2019 में लांच की थी। इस वर्ष कंपनी अपनी पुरानी अल्टो को नए सिरे से लांच करने वाली है। इसके अलावा कंपनी की योजना चार एसयूवी भी लांच करने की है।
भविष्य में सिर्फ पेट्रोल वाहन नहीं बेचेगी मारुति मारुति सुजुकी अगले पांच से सात वर्षों में अपने सभी वाहनों में मजबूत हाइब्रिड तकनीक अपनाने की योजना बना रही है। कंपनी का कहना है कि भविष्य में सभी वाहनों में हरित ऊर्जा या अन्य विकल्प भी मिलेगा। केवल पेट्रोल पर निर्भर कोई भी वाहन नहीं बेचा जाएगा।
Subscribe to:
Comments (Atom)
Daily news
सेंसेक्स और निफ्टी 50 क्या है
हमने पहले व्लाॅग में शेयर मार्केट के बारे में चर्चा की इस ब्लाॅग में हम जानेगें कि शेयर मार्केट में सेंसेक्स और निफ्टी क्या है सेंसेक्स ...
Most news
-
मार्तंड सूर्य मन्दिर - यह जम्मू-कश्मीर में स्थित है - इसको राष्ट्रीय महत्व के स्थलों के रूप में मान्यता द...
-
आर्थिक सर्वेक्षण 2022 वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज आर्थिक सर्वेक्षण (economic survey) संसद में पेश कर दिया है. संसद में पे...
-
pegasus Pegasus स्पाईवेयर मामले में आज सुप्रीम कोर्ट का अहम आदेश आया है. इसमें कहा गया है कि पेगासस जासूसी मामले की जा...
-
दो दिन पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान 23साल बाद पाकिस्तानी प्रधानमंत्री बनकर गये वहा पहुचते ही उन्होंने मि...

