भारत में कौनसी कार सबसे ज्यादा बार खरीदी जाती है

 SUV की कारों की भारत में हिस्सेदारी 




देश में बिकने वाली कुल कारों में एसयूवी की हिस्सेदारी 43 प्रतिशत पर पहुंची

 कभी देश के आटोमोबाइल बाजार को छोटी कारों का बाजार कहा जाता था, लेकिन अब इसे सही मायने में स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल (एसयूवी) का बाजार कहा जाना चाहिए। देश में बेची जाने वाली कुल कारों में एसयूवी की हिस्सेदारी बढ़कर 43 प्रतिशत हो गई है। दिसंबर, 2022 के अंत तक यह हिस्सेदारी बढ़कर 50-55 प्रतिशत हो जाने की उम्मीद है।

हाल के हफ्तों में बाजार में 70 प्रतिशत हिस्सेदारी रखने वाली दिग्गज कंपनी मारुति सुजुकी और हुंडई की नई एसवी लांच हुई हैं और दूसरी कार कंपनियां त्योहारी सीजन से पहले आधा दर्जन एसयूवी लांच करने की तैयारी में हैं। कार बाजार के जानकार बताते हैं कि बाजार में युवा ग्राहकों की बढ़ती संख्या और तकनीक व डिजाइन का बढ़ता महत्व दो ऐसी वजहें हैं जो एसयूवी आकर्षण को बढ़ा रही हैं।

हुंडई के निदेशक (सेल्स व मार्केटिंग) तरुण गर्ग का कहना है कि पिछले कुछ वर्षों में भारत में कार ग्राहकों की पसंद काफी बदल चुकी है। अब ग्राहक को सिर्फ सस्ती कार के नाम पर आप कुछ भी नहीं बेच सकते। भारतीय ग्राहक अब कारों के लिए ज्यादा खर्च करने को तैयार है। उदाहरण के लिए वर्ष 2018 में देश में जितनी कारें बेची जाती थी, उसमें 10 लाख से ज्यादा कीमत वाली कारों की हिस्सेदारी 16 प्रतिशत थी। वर्ष 2022 में यह बढ़कर 37 प्रतिशत हो चुकी है। हुडई तो 41 प्रतिशत कारें 10 लाख रुपये से ज्यादा वाली बेच रही है। वर्ष 2022 में कार खरीदने वाले कुल ग्राहकों में 41 प्रतिशत की उम्र 35 वर्ष से कम है। वह संख्या वर्ष 2018 में 30 प्रतिशत थी। बाजार में 35 प्रतिशत कारें हैचबैक बिक रही है लेकिन इनकी संख्या तेजी से घटेगी।

हुंडई 2026 तक छह नए माडल लांच करेगी हुंडई की बात करें तो वर्ष 2026 तक छह नए माडल लांच करने की योजना है, लेकिन उसमें एक भी छोटी कार नहीं है। कंपनी के मशहूर सेंट्रो माडल (नया वर्जन) के उत्पादन पर पहले ही ब्रेक लग चुका है।

टाटा मोटर्स और महिंद्रा एंड महिंद्रा की कुल बिक्री में एसयूवी की हिस्सेदारी 60 प्रतिशत पार कर चुकी है। ऐसे में इनमें भी छोटी कारों को लेकर कोई खास उत्साह नहीं है। घरेलू कार बाजार में तेजी से पैठ बनाने वाली किआ इंडिया भी पूरी तरह से एसयूवी केंद्रित है।

दो वर्षों से लांच नहीं हुई छोटी कार

कंपनियों ने बीते दो वर्ष के दौरान छोटी कारें लांच नहीं की हैं। मारुति सुजुकी ने अंतिम छोटी कार एस-प्रेसो 2019 में लांच की थी। इस वर्ष कंपनी अपनी पुरानी अल्टो को नए सिरे से लांच करने वाली है। इसके अलावा कंपनी की योजना चार एसयूवी भी लांच करने की है।

भविष्य में सिर्फ पेट्रोल वाहन नहीं बेचेगी मारुति मारुति सुजुकी अगले पांच से सात वर्षों में अपने सभी वाहनों में मजबूत हाइब्रिड तकनीक अपनाने की योजना बना रही है। कंपनी का कहना है कि भविष्य में सभी वाहनों में हरित ऊर्जा या अन्य विकल्प भी मिलेगा। केवल पेट्रोल पर निर्भर कोई भी वाहन नहीं बेचा जाएगा।


ईवी गाडी में फिर से लगी आग

ईवी में फिर से लगी आग; कंपनियों को दंडित करने पर जल्द फैसला लेगा केंद्र


7,000 इलेक्ट्रिक दोपहिया अब तक रिकॉल कर चुकीं कंपनियां 



इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) में आग लगने की घटनाओं को सरकार गंभीरता से ले रही है। हाल के महीनों में जिन कंपनियों के इलेक्ट्रिक दोपहिया में आग लगी है, उन्हें दंडित करने को लेकर जल्द फैसला किया जाएगा।

इससे पहले अप्रैल में सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने ईवी कंपनियों को चेताया था कि वाहनों की सुरक्षा को लेकर कोताही का मामला सामने आने पर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने ट्वीट किया था, 'यदि किसी कंपनी की लापरवाही सामने आती है तो उस पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा। इसके अलावा खामियों वाले सभी वाहन वापस लेने का आदेश भी दिया जाएगा।' बहरहाल, मामले से जुड़े एक अधिकारी ने कहा, 'हमने अब तक यह फैसला नहीं किया है कि सुरक्षा के मामले में लापरवाही बरतने वाली ईवी कंपनियों के खिलाफ किस तरह की कार्रवाई की जाएगी। हम कंपनियों को भेजे गए कारण बताओ नोटिस के जवाब का इंतजार कर रहे हैं। अभी उन्हें सुधारात्मक उपाय करने को कहा गया है।"

सरकार ने ओला, ओकिनावा और प्योरईवी जैसी कंपनियों को कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं। ये नोटिस इलेक्ट्रिक दोपहिया में आग लगने की घटनाओं की जांच से संबंधित डीआरडीओ (रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन) के लैब की रिपोर्ट के आधार पर भेजे गए हैं। इस बीच ओला और ओकिनावा करीब 7,000 इलेक्ट्रिक दोपहिया रिकॉल कर चुकी हैं।

#हिंदी भाषा के आधार भूत तत्व , #3


#हिंदी भाषा का इतिहास. #2



- हिंदी भाषा का इतिहास 

हिंदी भाषा का विकास संस्कृत भाषा से हुआ था जिसका विकास क्रम इस तरह है !

1. वैदिक संस्कृत = यह भाषा 1500 ई. पू. - 1000 ई. पू. के मध्य बोली जाती थी ! वेद , पुराण आदि इसी भाषा में लिखे गए !

2. लौकिक संस्कृत = यह भाषा 1000 ई. पू. - 500 ई. पू. के मध्य बोली जाती थी ! रामायण और महाभारत इसी भाषा में लिखे गए !

3. पालि = यह भाषा 500 ई. पू. - 1 ई. के मध्य बोली जाती थी ! बौद्ध धर्म के ग्रन्थ इसी भाषा में लिखे गए !

4. प्राकृत भाषा = यह भाषा 1 ई. - 500 ई. के मध्य बोली जाती थी ! जैन धर्म के ग्रन्थ इसी भाषा में लिखे गए !

5. अपभ्रंश (शौरसेनी) = यह भाषा 500 ई. - 1000 ई.के मध्य बोली जाती थी ! 

 6. हिंदी = हिंदी भाषा का मानक समय 11वीं शताब्दी में  माना जाता है ! हिंदी भाषा का मानक रूप खडी़ बोली है !

अतः वैदिक संस्कृत - लौकिक संस्कृत - पालि - प्राकृत - अपभ्रंश - हिंदी 

#हिन्दी भाषा और व्याकरण का परिचय. #हिन्दी व्याकरण #1


भाषा और व्याकरण का परिचय :-

~भाषा

- भाषा = मानव अपने भाव या विचार जिस माध्यम से प्रकट करता है उसे 'भाषा' कहते है !

- उपभाषा = किसी सीमित क्षेत्र में बोली जाने वाली भाषा का स्थानीय रुप 'उपभाषा या बोली' कहलाता हैं !

~व्याकरण

- व्याकरण = किसी भाषा को शुद्ध बोलना , लिखना , पढ़ना , सीखने की विधा को व्याकरण कहते है !

- लिपि = किसी भाषा के लिखने का ढंग या भाषा के चिह्न को लिपि कहते है ! 

  

                             हिंदी शब्द

हिंदी शब्द - हिंदी शब्द फा़रसी भाषा का है !

हिंदी शब्द का निर्माण  = सिन्ध से हिन्द बना 
                                   उसी तरह सिन्धी से हिन्दी बना





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